लिव-इन पार्टनर को मारकर सूटकेस में भरा, 100 किलोमीटर दूर फेंकने से पहले हत्यारे ने ली सेल्फी
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लिव-इन पार्टनर को मारकर सूटकेस में भरा, 100 किलोमीटर दूर फेंकने से पहले हत्यारे ने ली सेल्फी

लिव-इन पार्टनर को मारकर सूटकेस में भरा, 100 किलोमीटर दूर फेंकने से पहले हत्यारे ने ली सेल्फी

लिव-इन रिलेशनशिप्स भारत के शहरी समाज में तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन इनके साथ जुड़ी विश्वासघात, हिंसा और अपराध की घटनाएं भी लगातार सुर्खियों में रहती हैं। हाल ही में सामने आए एक मामले ने पूरे देश को हिला दिया। आरोपी ने न केवल अपनी लिव-इन पार्टनर की बेरहमी से हत्या की, बल्कि शव को सूटकेस में भरकर 100 किलोमीटर दूर फेंक दिया। और सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उसने इस पूरे अपराध को अंजाम देने से पहले एक सेल्फी लेकर अपने ‘कृत्य’ पर विकृत गर्व भी दिखाया।

यह घटना केवल एक हत्या नहीं है, बल्कि यह समाज के बदलते रिश्तों, कानूनी खामियों और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को भी उजागर करती है।


घटना का विवरण

  • आरोपी और मृतका पिछले दो साल से लिव-इन रिलेशन में थे।
  • रिश्ते में अक्सर झगड़े और अविश्वास की स्थिति बनी रहती थी।
  • एक दिन विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपी ने गुस्से में आकर हत्या कर दी।
  • शव को छिपाने के लिए उसने एक बड़ा सूटकेस खरीदा और उसमें शव को ठूंस दिया।
  • इसके बाद वह कार से करीब 100 किलोमीटर दूर एक सुनसान इलाके में जाकर सूटकेस फेंक आया।
  • पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने हत्या से पहले और शव छिपाने के बाद सेल्फी भी ली थी।

पुलिस जांच और खुलासे

जैसे ही शव बरामद हुआ, पुलिस ने तकनीकी जांच और मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग शुरू की।

  • CCTV फुटेज में आरोपी को सूटकेस लेकर जाते हुए देखा गया।
  • आरोपी के मोबाइल से ली गई सेल्फी ने पूरी कहानी खोल दी।
  • पुलिस ने बताया कि आरोपी ने हत्या के बाद भी अपने दोस्तों को सामान्य रूप से मैसेज किए, ताकि शक न हो।

लिव-इन रिलेशनशिप और अपराध

भारत में लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता तो मिली है, लेकिन इससे जुड़े सुरक्षा और अधिकारों के मुद्दे अभी भी अस्पष्ट हैं।

  • बहुत से मामलों में भावनात्मक अस्थिरता और पारिवारिक अस्वीकृति रिश्तों को हिंसक बना देती है।
  • महिला पार्टनर्स को अक्सर सुरक्षा की कमी रहती है, क्योंकि लिव-इन में उनके अधिकार शादीशुदा महिलाओं जितने मजबूत नहीं होते।
  • NCRB के आंकड़े बताते हैं कि पार्टनर के बीच हिंसा और हत्या के मामले पिछले एक दशक में तेजी से बढ़े हैं।

कानूनी पहलू

  • भारतीय कानून के तहत लिव-इन पार्टनर की हत्या पर वही धाराएं लागू होती हैं जो किसी अन्य हत्या पर होती हैं (IPC 302)।
  • लेकिन डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट या प्रोटेक्शन ऑर्डर जैसी सुरक्षा सुविधाएं अक्सर लागू करने में मुश्किल होती हैं।
  • इस केस में आरोपी पर हत्या, सबूत मिटाने और शव छिपाने जैसी धाराएं लगाई गई हैं।

मनोवैज्ञानिक विश्लेषण

विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे मामलों में—

  • पजेसिवनेस (Possessiveness),
  • ईगो क्लैश,
  • और हिंसक प्रवृत्ति रिश्ते को खतरनाक बना देती है।
    आरोपी द्वारा सेल्फी लेना इस बात का संकेत है कि वह अपराध को केवल छिपाना ही नहीं चाहता था, बल्कि उसे अपने “कंट्रोल” का सबूत मान रहा था। यह एक साइकोपैथिक प्रवृत्ति का उदाहरण हो सकता है।

सामाजिक असर

  • इस घटना ने फिर से सवाल उठाए हैं कि क्या भारत का समाज लिव-इन रिलेशनशिप्स को सही तरह से स्वीकार कर पाया है?
  • परिवार और समाज से छुपाए गए रिश्ते अक्सर तनाव और अविश्वास से भरे होते हैं।
  • ऐसे अपराधों से आम लोगों में लिव-इन को लेकर और भ्रम और भय पैदा होता है।

मीडिया और जन प्रतिक्रिया

  • सोशल मीडिया पर घटना को लेकर भारी आक्रोश देखा गया।
  • कई लोगों ने मांग की कि लिव-इन पार्टनर के लिए भी सख्त सुरक्षा कानून बनाए जाएं।
  • कुछ वर्गों ने यह भी कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और काउंसलिंग सिस्टम की कमी है।

अंतरराष्ट्रीय तुलना

अमेरिका और यूरोप में लिव-इन रिलेशनशिप सामान्य हैं, लेकिन वहां—

  • पार्टनर प्रोटेक्शन और सख्त घरेलू हिंसा कानून लागू होते हैं।
  • काउंसलिंग और सोशल सर्विसेज की भूमिका मजबूत होती है।
    भारत में अभी यह ढांचा कमजोर है, जिससे ऐसे मामलों में अपराध बढ़ जाता है।

निष्कर्ष

यह केस केवल एक सनसनीखेज अपराध नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज और न्याय व्यवस्था के लिए चेतावनी है।

  • लिव-इन रिलेशनशिप्स के लिए स्पष्ट कानूनी और सामाजिक सुरक्षा की जरूरत है।
  • मानसिक स्वास्थ्य और रिलेशनशिप काउंसलिंग को महत्व देना होगा।
  • अपराधियों के लिए तुरंत और कठोर सजा से ही ऐसे मामलों पर अंकुश लगाया जा सकता है।

अंततः, इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि रिश्तों की नींव जब विश्वास और संवाद पर नहीं होती, तो वह हिंसा और अपराध की ओर ले जाती है।

कानपुर पुलिस ने बताया कि आरोपी की आरोपी की पहचान फतेहपुर के बिदंकी के हरीखेड़ा निवासी सूरज उत्तम के तौर पर हुई है.